जोनरायजी रो बनीयो देवरो,
अरे भई गाँव पिपलाज माय,
सुनो रे मारा ए भाईडा रे,
आपा दर्शन चालो रे,
ए धणी ने परसन चाला रे।।
ए भई हिरदास कुल मायने,
हिरदास कुल मायने,
ओतो उगो कासब रो बाण,
सुनो रे मारा ए बांधवा रे,
आपा दर्शन चाला रे,
ए धणी ने परसन चाला रे।।
ए भली विचारी भगत सैणचा,
ए भली विचारी भगत सैणचा,
इस्ट जानरायजी जोन,
सुनो रे मारा साथीयों रे,
आपा दर्शन चालो रे,
आपा परसन चालो रे।।
ए श्याम सुन्दर ने मनावता,
ए श्याम सुन्दर ने मनावता,
ए वेतो गाँव सिन्दडा जाय,
सुनो रे मारा बांधवो रे,
आपा दर्शन चालो रे,
आपा परसन चालो रे।।
ए श्री पुरूष मुख बोलीया,
ए श्री पुरूष मुख बोलीया,
ए थेतो आवो पिपलाज माय,
सुनो रे मारा साथीयों रे,
आपा दर्शन चालो रे,
आपा परसन चालो रे।।
ए जान ने मेतो आवसु,
ए जान ने मेतो आवसु,
अरे आवो पिपलाज माय,
सुनो रे मारा साथीयों रे,
आपा दर्शन चालो रे,
आपा परसन चालो रे।।
ए जोनरायजी मुख सु बोलीया,
ए जानरायजी मुख सु बोलीया,
अरे मेतो रेवो रे भगतो रे साथ,
सुनो रे मारा सैणचो रे,
आपा दर्शन चालो रे,
आपा परसन चालो रे।।
ए प्रमाण दिदो जोनरायजी,
ए प्रमाण दिदो जोनरायजी,
सैणचे मन्दिर दियो रे बनाय,
सुनो रे मारा बांधवो रे,
आपा दर्शन चालो रे,
आपा परसन चालो रे।।
ए अरे धीन धीन भगत सैणचा,
अरे धीन धीन भगत सैणचा,
अरे रिया रे सेवा रे माय,
सुनो रे मारा बांधवो रे,
आपा दर्शन चालो रे,
आपा परसन चालो रे।।
ए अरे ओ अवसर भले आवियो,
अरे ओ अवसर भले आवियो,
अरे जागा सैणचो रा भाग,
सुनो रे मारा बांधवो रे,
आपा दर्शन चालो रे,
आपा परसन चालो रे।।
जोनरायजी रो बनीयो देवरो,
अरे भई गाँव पिपलाज माय,
सुनो रे मारा ए भाईडा रे,
आपा दर्शन चालो रे,
ए धणी ने परसन चाला रे।।
गायक – संत कन्हैयालाल जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818