खाटूजी जाने को,
जी ललचाता है,
किस्मत वालो को ही बाबा,
दर पे बुलाता है,
किस्मत वालो को ही बाबा,
दर पे बुलाता है।।
तर्ज – तुझको ना देखूं तो।
शोहरत मिली है, इज़्ज़त मिली है,
जीवन को जीने की, ताक़त मिली है,
जब से मिला है तेरा सहारा,
जीवन में पीछे ना देखा दोबारा,
जीवन में पीछे ना देखा दोबारा,
सच है खाटू जाने से,
हर गम मिट जाता है,
किस्मत वालो को ही बाबा,
दर पे बुलाता है।।
दुनिया के सारे, जितने भी हारे,
बाबा हमारे, उनके सहारे,
चाहे अमीर है चाहे ग़रीब है,
बाबा हमारे सबके करीब है,
सांवरिया तो सबके करीब है,
झोली को भरने में ना देर लगता है,
किस्मत वालो को ही बाबा,
दर पे बुलाता है।।
अच्छे हो चाहे जैसे हालात हो,
सर पे हमारे तेरा ही हाथ हो,
नैया ‘कन्हैया’ की चलती तुम्ही से,
दुनिया हमारी बाबा तुम्ही से,
तू ही तो प्रेमी को गले लगाता है,
किस्मत वालो को ही बाबा,
दर पे बुलाता है।।
खाटूजी जाने को,
जी ललचाता है,
किस्मत वालो को ही बाबा,
दर पे बुलाता है,
किस्मत वालो को ही बाबा,
दर पे बुलाता है।।
स्वर – कन्हैया मित्तल जी।