राधे राधे रटता जो कोई नाम है,
उसको मिल जाता,
मुरली वाला श्याम है,
जिसको ढूंढे ये अब तो,
सारा जहान है,
मेरा श्याम है वो मेरा श्याम है,
राधे राधे रटता जों कोई नाम है,
उसको मिल जाता।।
तर्ज – कब तक चुप बैठे।
जो राधे राधे रटता,
मेरे श्याम के मन बसता,
वृन्दावन की गलियों में,
वो दीवाना बन फिरता,
एक दिन उसको फिर,
मिल जाता घनश्याम है,
मेरा श्याम है वो मेरा श्याम है,
राधे राधे रटता जों कोई नाम है,
उसको मिल जाता।।
जब दर्शन करने जाते,
परदा है सामने आता,
मेरे दिल की बात सुनाता,
वो सांवरिया मुस्काता,
आँखों आँखों में,
हो जाती सब बात है,
मेरा श्याम है वो मेरा श्याम है,
राधे राधे रटता जों कोई नाम है,
उसको मिल जाता।।
दुनिया में धाम हज़ारों,
वृन्दावन धाम निराला,
जहाँ कण कण में है रहता,
वो मोहन मुरली वाला,
‘साहिल; का तो ये,
जीवन ही तेरे नाम है,
मेरा श्याम है वो मेरा श्याम है,
राधे राधे रटता जों कोई नाम है,
उसको मिल जाता।।
राधे राधे रटता जो कोई नाम है,
उसको मिल जाता,
मुरली वाला श्याम है,
जिसको ढूंढे ये अब तो,
सारा जहान है,
मेरा श्याम है वो मेरा श्याम है,
राधे राधे रटता जों कोई नाम है,
उसको मिल जाता।।
Singer & Writer – Sahil Sharma