ज्योत जला लो,
शेरावाली को मना लो,
आए मैया रानी के नवरात,
पा लो मेहरबानियां,
माँ की मेहरबानियां,
दर तेरे आए माँ शीश झुकाएं,
उनकी चमकी जिन्दगानियाँ,
ज्योति जला लो,
शेरावाली को मना लो,
आए मैया रानी के नवरात,
पा लो मेहरबानियां,
माँ की मेहरबानियां।।
तर्ज – सर को झुकालो शेरावाली को।
ब्रम्हा गुण गाएं,
नारद वीणा बजाए,
मैया के चरणों में आ के,
विष्णु शीश झुकाए,
माँ आदि भवानी, माँ जग कल्याणी,
तेरी महिमा की कहानियां,
ज्योति जला लो,
शेरावाली को मना लो,
आए मैया रानी के नवरात,
पा लो मेहरबानियां,
माँ की मेहरबानियां।।
भक्तो को तारे,
मैया पापी संहारे,
जय जय जय जगदम्बे के,
देखो गूंजे जयकारे,
चिंतित पूर्णी माँ संकट हरणी,
दूर करे परेशानियां,
ज्योति जला लो,
शेरावाली को मना लो,
आए मैया रानी के नवरात,
पा लो मेहरबानियां,
माँ की मेहरबानियां।।
कोढ़ी को काया,
देवे निर्धन को माया,
करती आँचल की छाया,
‘देवेंद्र’ भिखारी बन आया,
ज्वाला रानी जगदम्बा भवानी,
माँ की ऋतू मस्तानिया,
ज्योति जला लो,
शेरावाली को मना लो,
आए मैया रानी के नवरात,
पा लो मेहरबानियां,
माँ की मेहरबानियां।।
ज्योत जला लो,
शेरावाली को मना लो,
आए मैया रानी के नवरात,
पा लो मेहरबानियां,
माँ की मेहरबानियां,
दर तेरे आए माँ शीश झुकाएं,
उनकी चमकी जिन्दगानियाँ,
ज्योति जला लो,
शेरावाली को मना लो,
आए मैया रानी के नवरात,
पा लो मेहरबानियां,
माँ की मेहरबानियां।।
स्वर – देवेंद्र पाठक जी।