ऊंचे रे भाखर में थारो देवरो,
ओ ब्राह्मणी मोटी मां,
थारी धजा फरुके आसमान में,
आओ माता ब्राह्मणी मां।।
घेर घुमालो पेरण गागरो,
ब्राह्मणी मोटी मां,
थारे ओढ़न डिखणी रो चीर मां,
आओ माता ब्राह्मणी मां।।
दूर देशा रा आवे जातरी,
ओ ब्राह्मणी म्हारी मां,
थारे आवे आवे नर ओर नार,
मां आओ माता ब्राह्मणी मां।।
लड्डू चढ़ावे थाने चूरमा,
ओ ब्राह्मणी मारी मां,
थाने चाड़े चाड़े लीलरिया नारियल,
मां आओ माता ब्राह्मणी मां।।
हाथा पगल्या री मेहंदी राचणी,
ओ ब्राह्मणी मारी मां,
थारे चुड़ला में सोवे रे मसीज,
मां आओ माता ब्राह्मणी मां।।
ढोल नगारा थारे बाजणा,
ओ ब्रहामणी म्हारी मां,
थारे बाजे बाजे झालर की झंकार,
मां आओ माता ब्राह्मणी मां।।
रमेश सारण री सुणजो विनती,
ओ ब्रहामणी म्हारी मां,
थारे युग युग चरणो रो दास,
मां आओ माता ब्राह्मणी मां।।
ऊंचे रे भाखर में थारो देवरो,
ओ ब्राह्मणी मोटी मां,
थारी धजा फरुके आसमान में,
आओ माता ब्राह्मणी मां।।
गायक – रमेश सारण बाङमेर
9571547445