राम सिया संग आवजो,
दोहा- राम नाम रटते रहो,
और जबतक घट में प्राण,
कभी तो दीनदयाल के,
भनक पडेगी कान।
तर्ज – लाल लंगोटो हाथ में सोटो।
राम सिया संग आवजो,
थारी घणी करूला मनवार,
पधारो मारे आंगनीये,
थारी घणी करूला मनवार,
पधारो मारे आंगनीये।।
केवट रे घर आविया रे,
केवट रे घर आविया ओ,
किनो भवसु पार,
पधारो मारे आंगनीये,
थारी घणी करूला मनवार,
पधारो मारे आंगनीये।।
अंजनी सुत हनुमान ने ओ,
अंजनी सुत हनुमान ने,
थे दीनो भगती रो दान,
पधारो मारे आंगनीये,
थारी घणी करूला मनवार,
पधारो मारे आंगनीये।।
शबरी रे घर आविया रे,
शबरी रे घर आविया,
कोई झूठा फल लिना खाय,
पधारो मारे आंगनीये,
थारी घणी करूला मनवार,
पधारो मारे आंगनीये।।
पत्थर री ऋषि नार ने जी,
पत्थर री ऋषि नार ने जी,
थे चरणा सु दिनी तार,
पधारो मारे आंगनीये,
थारी घणी करूला मनवार,
पधारो मारे आंगनीये।।
तुलसीदास कथ गावता रे,
तुलसीदास कथ गावता,
ज्याने दर्शन दिना आय,
पधारो मारे आंगनीये,
थारी घणी करूला मनवार,
पधारो मारे आंगनीये।।
आप पधारो रामजी रे,
आप पधारो रामजी,
थारी जुग जुग जोवु बाट,
पधारो मारे आंगनीये,
थारी घणी करूला मनवार,
पधारो मारे आंगनीये।।
दास अशोक री विनती रे,
दास अशोक री विनती,
मारे सिर पर राखो हाथ,
पधारो मारे आंगनीये,
थारी घणी करूला मनवार,
पधारो मारे आंगनीये।।
राम सिया संग आवजो,
थारी घणी करूला मनवार,
पधारो मारे आंगनीये,
थारी घणी करूला मनवार,
पधारो मारे आंगनीये।।
गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818