ऐ साँसों के मालिक मेरे श्याम बाबा,
तेरे ही भरोसे जिए जा रहा हूँ,
तू ग़म दे दे मुझको या खुशियां तू दे दे,
मैं तुझपे भरोसा किये जा रहा हूँ,
ऐ सांसो के मालिक मेरे श्याम बाबा,
तेरे ही भरोसे जिए जा रहा हूँ।।
तर्ज – ऐ फूलों की रानी।
बेरंग दुनिया के रंग हैं अनूठे,
दुःख देके देखो खुशिया ये लुटे,
तुझपे भरोसा किया मेरे मालिक,
तेरे ही भरोसे चला जा रहा हूँ,
ऐ सांसो के मालिक मेरे श्याम बाबा,
तेरे ही भरोसे जिए जा रहा हूँ।।
झूठी है दुनिया का चलन अनोखा,
पग पग पे मिलता है धोखा ही धोखा,
तू हारे का साथी कहाया है जग में,
मैं भी हारकर तेरे दर आ गया हूँ,
ऐ सांसो के मालिक मेरे श्याम बाबा,
तेरे ही भरोसे जिए जा रहा हूँ।।
साँसों का क्या है ये आए या जाए,
मेरी सांस मोहन तो गुण तेरे गायें,
हो साँसों की माला पे सुमिरन अब तेरा,
तेरे ही भजन मैं तो गाता रहूँगा,
ऐ सांसो के मालिक मेरे श्याम बाबा,
तेरे ही भरोसे जिए जा रहा हूँ।।
बाबा ‘विनीता’ तो गुण तेरे गाये,
पल पल ऐ मोहन वो तुझको रिझाये,
तेरे नाम से मेरे घर में खुशियां,
तेरी ही कृपा का दिया खा रहा हूँ,
ऐ सांसो के मालिक मेरे श्याम बाबा,
तेरे ही भरोसे जिए जा रहा हूँ।।
ऐ साँसों के मालिक मेरे श्याम बाबा,
तेरे ही भरोसे जिए जा रहा हूँ,
तू ग़म दे दे मुझको या खुशियां तू दे दे,
मैं तुझपे भरोसा किये जा रहा हूँ,
ऐ सांसो के मालिक मेरे श्याम बाबा,
तेरे ही भरोसे जिए जा रहा हूँ।।
Singer & Writer – Vinita Ji