सुना है इंकार करते नहीं,
दोहा – बिगड़ी भक्तो की,
बनाता है सांवरे,
हमको भी सम्भालो,
हम तेरे हुए बावरे।
सुना है इंकार करते नहीं,
किसी को भी निराश करते नहीं,
द्वार पे जो आए कोई,
झोली फैलाये कोई,
भरते हैं झोली उसकी श्याम धणी।।
तर्ज – सोचेंगे तुम्हे प्यार।
तेरी महिमा हमने है सुनी,
सुनते हैं सबकी श्याम धणी,
दर है तेरा प्यारा श्याम,
हारे का तू सहारा श्याम,
जग से हम भी हैं हारे,
हम को भी अपना लो श्याम,
दे दो ना दर्शन हमको,
घडी दो घडी श्याम धणी,
सुना है इंकार करतें नहीं,
किसी को भी निराश करते नहीं।।
मैंने सबसे सुना है सांवरे,
दुखियों को तू लगता है गले,
फसी भवर में हैं नैया,
पार लगा दो सांवरिया,
कितना हम अब धीर धरे,
डूब ना जाये ये नैया,
बांह पकड़ लो बाबा,
अब तो मेरी श्याम धणी,
सुना है इंकार करतें नहीं,
किसी को भी निराश करते नहीं।।
कबसे अर्ज़ी सुनाऊँ मैं तुम्हे,
बाबा बाबा पुकारूँ मैं तुम्हे,
अब तो आ जाओ मेरे श्याम,
साँसों में है बस तेरा नाम,
मनमोहन ना देर करो,
है इक आस तुम्हारी श्याम,
‘राजीव’ भक्तों की अब,
कर दो भली श्याम धणी,
सुना है इंकार करतें नहीं,
किसी को भी निराश करते नहीं।।
सुना है इंकार करतें नहीं,
किसी को भी निराश करते नहीं,
द्वार पे जो आए कोई,
झोली फैलाये कोई,
भरते हैं झोली उसकी श्याम धणी।।