मुझे श्याम सुधा पी लेने दो,
मैं बहुत दिनों का प्यासा हूँ,
मुझे श्याम सुधा पी लेने दो,
अब और सताओ ना मुझको,
जरा चैन से कुछ दिन जीने दो।।
तर्ज – दिल लूटने वाले जादूगर।
संसार है सपना दो दिन का,
ये झूठे महल अटारी है,
उलफत में कलेजा चाक हुआ,
अब बैठ के मुझको सीने दो,
मैं बहुत दिनों का प्यासा हूँ,
मुझे श्याम सूधा पी लेने दो।।
इस मंजिल में लाखो ही मिले,
पर कोई ना मन का मीत मिला,
दो कदम चले और बिछड़ गये,
मुझे जीवन नईया खेने दो,
मैं बहुत दिनों का प्यासा हूँ,
मुझे श्याम सूधा पी लेने दो।।
दुनिया ये मुसाफिर खाना है,
यहाँ लाखो पंक्षी आते है,
कभी इस डाली कभी उस डाली,
पर रेन बसेरा करने दो,
मैं बहुत दिनों का प्यासा हूँ,
मुझे श्याम सूधा पी लेने दो।।
‘ब्रजवासी’ मस्ती लेता है,
मन मस्ती के मयखाने में,
कुछ दर्द भरा है जखम मेरा,
दृग बिंदु के रस में बहने दो,
मैं बहुत दिनों का प्यासा हूँ,
मुझे श्याम सूधा पी लेने दो।।
मैं बहुत दिनों का प्यासा हूँ,
मुझे श्याम सूधा पी लेने दो,
अब और सताओ ना मुझको,
जरा चैन से कुछ दिन जीने दो।।
Singer – Sooraj Sharma