मेरो मन लाग्यो बरसाने में,
जहाँ विराजे राधा रानी,
मन हट्यो दुनियादारी से,
जहाँ मिले खारा पानी।।
मुझे दुनिया से नही कोई काम,
मुझे दुनिया से नही कोई काम,
मैं तो रटूं राधा राधा नाम,
मैं तो रटूं राधा राधा नाम,
दर्शन करूँ सुबह शाम,
दर्शन करूँ सुबह शाम,
मेरे मन में विराजे श्याम दीवानी,
जहाँ विराजे राधा रानी,
मेरो मन लग्यो बरसाने में,
जहाँ विराजे राधा रानी।।
मेरे मन में ना लागे कोई रंग,
मेरे मन में ना लागे कोई रंग,
मैं तो रहूं संतन के संग,
मैं तो रहूं संतन के संग,
मेरे मन में बढ़त उमंग,
मेरे मन में बढ़त उमंग,
बरसाना बिराजे की रजधानी,
जहाँ विराजे राधा रानी,
मेरो मन लग्यो बरसाने में,
जहाँ विराजे राधा रानी।।
मुझे दुनिया से नही लेना देना,
मुझे दुनिया से नही लेना देना,
ये जगत है एक सपना,
ये जगत है एक सपना,
यहाँ कोई नही अपना,
यहाँ कोई नही अपना,
मेरी अपनी ब्रषभान दुलारी,
जहाँ विराजे राधा रानी,
मेरो मन लग्यो बरसाने में,
जहाँ विराजे राधा रानी।।
मेरो मन लाग्यो बरसाने में,
जहाँ विराजे राधा रानी,
मन हट्यो दुनियादारी से,
जहाँ मिले खारा पानी।।
स्वर – श्री विनोद बिहारी दास जी महाराज।
प्रेषक – कुणाल शर्मा।
9711618776