बाबा तेरे चरणों में,
जीवन ये गुजर जाए,
जिस और भी मैं देखूं,
मुझे तू ही नजर आए,
बाबा तेरें चरणों में,
जीवन ये गुजर जाए।।
पल पल तेरा ध्यान रहे,
तुझको ही पुकारूँ मैं
तेरे हर प्रेमी में मैं,
तुझको ही निहारुँ मैं,
चाहे सुख हो या दुःख की घड़ी,
कभी तू ना बिसर जाए,
जिस और भी मैं देखूं,
मुझे तू ही नजर आए,
बाबा तेरें चरणों में,
जीवन ये गुजर जाए।।
तेरी ही तमन्ना हो,
तेरी ही चाहत हो,
तेरे नाम की दौलत से,
मेरे दिल को राहत हो,
मेरे दिल का हर कोना,
तेरे नाम से भर जाए,
जिस और भी मैं देखूं,
मुझे तू ही नजर आए,
बाबा तेरें चरणों में,
जीवन ये गुजर जाए।।
सब कुछ ही तो पाया है,
क्या क्या मैं जीकर अब करूँ,
तेरे होते हुए बाबा,
किस बात की फ़िकर करूँ,
हर पल मेरे होठों पर,
तेरा ही जिकर आए,
जिस और भी मैं देखूं,
मुझे तू ही नजर आए,
बाबा तेरें चरणों में,
जीवन ये गुजर जाए।।
शबरी सा नहीं धीरज,
धन्ना सी नहीं भक्ति,
ना साग विदुर सा है,
बतला दो कोई युक्ति,
बस भाव भजन सुनने,
‘रोमी’ के तू घर आए,
जिस और भी मैं देखूं,
मुझे तू ही नजर आए,
बाबा तेरें चरणों में,
जीवन ये गुजर जाए।।
बाबा तेरे चरणों में,
जीवन ये गुजर जाए,
जिस और भी मैं देखूं,
मुझे तू ही नजर आए,
बाबा तेरें चरणों में,
जीवन ये गुजर जाए।।
स्वर – संजय पारीक जी।
लेखक – रोमी जी।