गाया वाला कानजी ओ,
दोहा – राधे तू बडीभागनी,
रे कौन तपस्या किन,
तीन लोक तारंतीरन,
सोहे तेरे आधीन।
गाया वाला कानजी ओ,
ए थारी गाया ने पाछी गेर,
कुँए पर एकली ओ,
ए थारी गाया ने पाछी गेर,
कुँए पर एकली ओ।।
ए बंशी वाला कानजी ओ,
अरे बंशी वाला कानजी ओ,
ए थारी बंशी ने होले रे बजाय,
कुँए पर एकली ओ,
ए थारी बंशी ने होले रे बजाय,
कुँए पर एकली ओ,
एकली ओ एकली ओ,
ए थारी बंशी ने होले रे बजाय,
कुँए पर एकली ओ।।
ए गढ़ गोकुल रा कानजी ओ,
ए गढ़ गोकुल रा कानजी ओ,
ए माने लडे छे माने लडे छे,
लडे छे देवर जेठ,
कुँए पर एकली ओ,
एकली ओ एकली ओ,
माने लडे छे देवर जेठ,
कुँए पर एकली ओ।।
ए गढ मथुरा रा कानजी ओ,
ए गढ़ मथुरा रा कानजी ओ,
ए मेतो जोवा ए मेतो जोवा रे,
मेतो जोवा थारी बाट,
कुँए पर एकली ओ,
एकली ओ एकली ओ,
मै तो जोवा थारी बाट,
कुँए पर एकली ओ।।
ए गढ़ गोकुल रा कानजी ओ,
ए गढ़ गोकुल रा कानजी ओ,
ए थारी राधा ए थारी राधा,
छबीली जोवे बाट,
कुँए पर एकली ओ,
एकली ओ एकली ओ,
थारी राधा रे छबीली,
जोवे बाट कुँए पर एकली ओ।।
ए प्रकाश माली री भावना ओ,
ए प्रकाश इन्द्र री भावना ओ,
ए माने लिजो ए माने लिजो रे,
ए माने लिजो कंठ लगाय,
कुँए पर एकली ओ,
एकली ओ एकली ओ,
ओ माने लिजो कंठ लगाय,
कुँए पर एकली ओ।।
गाया वाला कानजी ओ,
ए थारी गाया ने पाछी गेर,
कुँए पर एकली ओ,
ए थारी गाया ने पाछी गेर,
कुँए पर एकली ओ।।
गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818