क्या देखें सावन,
क्या देखें फागुण,
जब भी दिल करता,
तुमसे मिलने आ जाते हम।।
तुम्हारी याद आए तो,
दिल बैचेन हो उठता,
मनाए लाख दीवाना,
मगर रोके नहीं रुकता,
ना करता चिंता,
ना ही करे चिंतन,
जब भी दिल करता,
तुमसे मिलने आ जाते हम।।
झमेले दुनियादारी के,
यूँ ही चलते ही रहते है,
जिन्हे कहने की आदत है,
वो ये कहते रहते है,
गर्मी है ज्यादा,
है बारिश का मौसम,
जब भी दिल करता,
तुमसे मिलने आ जाते हम।।
बुलाने वाला तू ही है,
तेरी ही है मेहरबानी,
तेरे दम पर ही कर लेते,
जरा सी हम भी मनमानी,
तेरा दिया है धन,
तेरा ही तन मन,
जब भी दिल करता,
तुमसे मिलने आ जाते हम।।
हमारा स्वर्ग वो ही है,
जहाँ तेरा बसेरा है,
तेरी चौखट पे दम निकले,
यही अरमान मेरा है,
‘सोनू’ ये जीवन,
तुझको किया अर्पण,
जब भी दिल करता,
तुमसे मिलने आ जाते हम।।
क्या देखें सावन,
क्या देखें फागुण,
जब भी दिल करता,
तुमसे मिलने आ जाते हम।।
Singer – Raman Pareek