श्याम सम्भालो मुझको,
और पकड़ो मेरा हाथ,
एक तू ही नजर में मेरी,
जो देगा मेरा साथ।।
तर्ज – सावन का महीना।
करूणानिधि जरा,
करुणा दिखाओ,
गिरते हुए को बाबा,
और ना गिराओ,
भूल गए क्या बाबा,
तुम ही हो दीनानाथ,
एक तू ही नजर में मेरी,
जो देगा मेरा साथ,
श्याम संभालो मुझको,
और पकड़ो मेरा हाथ,
एक तू ही नजर में मेरी,
जो देगा मेरा साथ।।
किस्मत का लेख कहकर,
करो ना बहाना,
तुमने लिखी है किस्मत,
तुम ही बताना,
शरण तुम्हारी लिख दो,
लेकर के कलम दवात,
एक तू ही नजर में मेरी,
जो देगा मेरा साथ,
श्याम संभालो मुझको,
और पकड़ो मेरा हाथ,
एक तू ही नजर में मेरी,
जो देगा मेरा साथ।।
आज से पहले बाबा,
दर दर मैं भटका,
जान लिया है केशव,
कोई ना किस का,
झूठे है ये रिश्ते,
मैं जान गया ये बात,
एक तू ही नजर में मेरी,
जो देगा मेरा साथ,
श्याम संभालो मुझको,
और पकड़ो मेरा हाथ,
एक तू ही नजर में मेरी,
जो देगा मेरा साथ।।
श्याम सम्भालो मुझको,
और पकड़ो मेरा हाथ,
एक तू ही नजर में मेरी,
जो देगा मेरा साथ।।
Singer / Lyrics – Harish Kumar Sharma