तेरे होते हुए रोये अंखिया मेरी,
तेरी मर्जी ये ही है तो ये ही सही,
तर्ज – मैं तेरे इश्क़ में मर ना जाऊँ
तेरे होते हुए रोये अंखिया मेरी,
तेरी मर्जी ये ही है तो ये ही सही,
तेरे होते बने रहनुमा ये जहा,
तू रहे दूर दूर ये तो ठीक नही,
तेरे होते हुये रोये अंखिया मेरी।।
मेरा दुश्मन बना ये जहान है,
पड़ी आफत में देख मेरी जान है,
में तड़पता हु श्याम लेके तेरा ही नाम,
तेरे होते हुये ऐसी हालात है क्यों,
तेरा होना खफा ये तो ठीक नही,
तेरे होते हुये रोये अंखिया मेरी,
तेरी मर्जी ये ही है तो ये ही सही,
तेरे होते हुये रोये अंखिया मेरी।।
तेरा रस्ता निहारु में तो सांवरा,
बैठा तुझको पुकारू में तो सांवरा,
कब सुनोगे सदा मुझको ये तो बता,
तेरे होते हुये क्यों अकेला हु में,
मेरा दर दर भटकना तो ठीक नही,
तेरे होते हुये रोये अंखिया मेरी,
तेरी मर्जी ये ही है तो ये ही सही,
तेरे होते हुये रोये अंखिया मेरी।।
लोग कहते है श्याम तेरे पास है,
श्याम का दास तू कुछ ख़ास है,
कैसे मानु प्रभु दिल मांगे सबूत,
तेरे होते रहे क्यों ये निर्मल उदास,
बैठा तू मुस्कुराये ये तो ठीक नही,
तेरे होते हुये रोये अंखिया मेरी,
तेरी मर्जी ये ही है तो ये ही सही,
तेरे होते हुए रोये अंखिया मेरी।।