संग चले वीर हनुमान देवता सारा,
तुम ऋद्धि सिद्धि ले घर आवो,
गणपत प्यारा।।
एक ब्रम्हाजी रा मंदिर बण्या हद भारी,
तुम आवो ब्रम्हा हंस री असवारी,
संग चढ़े रे वीर हनुमान देवता सारा,
तुम ऋद्धि सिद्धि ले घर आवो,
गणपत प्यारा।।
एक विष्णु देव रा मंदिर बण्या हद भारी,
तुम आवो विष्णु देव गरुड़ री असवारी,
संग चढ़े रे वीर हनुमान देवता सारा,
तुम ऋद्धि सिद्धि ले घर आवो,
गणपत प्यारा।।
एक भोले नाथ रा मंदिर बण्या हद भारी,
तुम आवो शिवजी नंदी री असवारी,
संग चढ़े रे वीर हनुमान देवता सारा,
तुम ऋद्धि सिद्धि ले घर आवो,
गणपत प्यारा।।
एक पुरी अयोध्या नगर बड़ा है भारी,
दशरथ जी रे घर मे रामचंद्र जी अवतारी,
संग चढ़े रे वीर हनुमान देवता सारा,
तुम ऋद्धि सिद्धि ले घर आवो,
गणपत प्यारा।।
एक जगदम्बे रा मंदिर बण्या हद भारी,
तुम आवो मैया सिंह री असवारी,
संग चढ़े रे वीर हनुमान देवता सारा,
तुम ऋद्धि सिद्धि ले घर आवो,
गणपत प्यारा।।
एक नदी किनारे सुखमगिरी गुण गावे,
प्रभु हरि भगता रा बेड़ा पार लगावे,
संग चढ़े रे वीर हनुमान देवता सारा,
तुम ऋद्धि सिद्धि ले घर आवो,
गणपत प्यारा।।
संग चले वीर हनुमान देवता सारा,
तुम ऋद्धि सिद्धि ले घर आवो,
गणपत प्यारा।।
गायक – विशनाराम जी सुथार।
प्रेषक – पुखराज जी पटेल।
9784417723