सेवा करले भली,
फिर आ सेवा नि मिले।
फिर आ माँ नि मिले,
फिर ए पिता नि मिले,
सेवा करलें भली,
फिर आ सेवा नि मिले,
एक बारी माता मिले,
एक बारी पापा मिले।।
लाड लड़ाती थारी माता,
कतरा नाम दिया,
सोच पिता जी इन जीवन में,
कतरा ईनाम दिया,
फिर वो ईनाम ना मिले,
फिर वो नाम ना मिले,
सेवा करलें भली,
फिर आ सेवा नि मिले।।
सोच समझ कर चाल दिकरा,
पापा मना करे,
बिन सोचा समज्या थारी माता,
हाँ में हाँ भरे,
फिर वो हाँ नि मिले,
फिर वो ना नि मिले,
सेवा करलें भली,
फिर आ सेवा नि मिले।।
देख बुडापो माँ बाप रो,
मत एहसान भुला,
थाने सूलायो छाती माते,
आने बाहरे मत सुला,
लारे बुडापो आवे,
सर माथे काल छावे,
सेवा करले भली,
फिर आ सेवा नि मिले।।
फिर आ माँ नि मिले,
फिर ए पिता नि मिले,
सेवा करलें भली,
फिर आ सेवा नि मिले,
एक बारी माता मिले,
एक बारी पापा मिले।।
गायक – छोटू सिंह जी रावणा।
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