अम्बे माँ विनती सुन लो,
तुमको बुला रहा हूँ।
दोहा – सुमिर सरस्वती मात को,
गुरु चरनन में ध्यान,
नेम चन्द भाई की लेखनी,
आगे लिखे वयान।
अम्बे माँ विनती सुन लो,
तुमको बुला रहा हूँ,
नया साल आ गया है,
तेरी महिमा गा रहा हूँ,
अम्बे मां विनती सुनलो।।
तर्ज – मुझे इश्क है तुझी से।
तू है बड़ी दयालू,
भक्तों की रक्षा करती,
दुखियों के दुख मिटाके,
खुशियों से झोली भरती,
महिमा तेरी निराली,
सबको बता रहा हूँ,
नया साल आ गया है,
तेरी महिमा गा रहा हूँ,
अम्बे मां विनती सुनलो।।
दरबार कितना सुन्दर,
कोई नहीं कमी है,
आकर दरश दिखा दो,
अभीलाषा एक यही है,
आ जाओ माँ सभा में,
तुमको बुला रहा हूँ,
नया साल आ गया है,
तेरी महिमा गा रहा हूँ,
अम्बे मां विनती सुनलो।।
दरबार तेरे आकर,
तुझको मना रहे हैं,
तेरे भक्त आ गये सब,
गुणगान गा रहे हैं,
‘नेम चन्द’ दिवना बाले,
खुशियां मना रहे हैं,
नया साल आ गया है,
तेरी महिमा गा रहा हूँ,
अम्बे मां विनती सुनलो।।
अम्बे मां विनती सुन लो,
तुमको बुला रहा हूँ,
नया साल आ गया है,
तेरी महिमा गा रहा हूँ,
अम्बे मां विनती सुनलो।।
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Nem Chand Ji Prajapati
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