शादी करा दे मेरी राधा के साथ,
सेवा करेगी तेरी दिन और रात,
शादी करा दे मेरी राधा के साथ,
विनती करूँ माँ तेरे जोड़ूँ मैं हाथ,
विनती करूँ माँ तेरे जोड़ूँ मैं हाथ,
शादी करा दें मेरी राधा के साथ।।
खटने की तेरी माँ अब ना उमरिया,
घर को संभालेगी अब वो गुजरिया,
गव्वे संभालेगी माखन निकालेगी ,
घर में बटायेगी तेरा माँ हाथ,
शादी करा दें मेरी राधा के साथ।।
बाबा का हूका भरेगी वो आके,
जल्दी से मैया तू नेग पटा दे,
जंगल ना जाऊँगा माखन ना खाऊँगा,
अपने लल्ला को दे दे प्यारी सौगात,
शादी करा दें मेरी राधा के साथ।।
छोटे कन्हैया की सुनकर के बातें,
खुशियों से छलकी रे मैया की आँखे,
बोली माँ लाला वो गोरी तू काला,
आगे क्या उसके है तेरी दिशा,
कैसे जमेगी जोड़ी राधा के साथ,
शादी करा दें मेरी राधा के साथ।।
माना मैं मैया हूँ थोड़ा सा काला,
मेरा भी रज में है रुतबा निराला,
‘हर्ष’ वो दीवानी है प्रीत माँ पुरानी है,
मेरा और राधा का जन्मों का साथ,
शादी करा दें मेरी राधा के साथ।।
सेवा करेगी तेरी दिन और रात,
शादी करा दें मेरी राधा के साथ,
विनती करूँ माँ तेरे जोड़ूँ मैं हाथ,
विनती करूँ माँ तेरे जोड़ूँ मैं हाथ,
शादी करा दें मेरी राधा के साथ।।
स्वर – मुकेश बागड़ा जी।
प्रेषक – हरीश सोलंकी, देवगढ़।