जान रहे ना रहे देश ज़िंदा रहे,
मौत हो सामने ना डरो,
बचाने में वतन की लाज,
तू लड़ जाना तू मर जाना,
उठा हथियार सीमा पे,
तू लड़ जाना तू मर जाना।।
उठे जो सर खिलाफत में,
उसे धड़ से हटा देना,
वतन की लाज के खातिर,
लहू अपना बहा देना,
सलामत देश को रखना,
तू लड़ जाना तू मर जाना,
उठा हथियार सीमा पे,
तू लड़ जाना तू मर जाना।।
शहीदों की शहादत को,
ये दुनिया याद करती है,
मरे जो देश के खातिर,
तो माँए नाज़ करती हैं,
दहाड़े रण में जो दुश्मन,
तू लड़ जाना तू मर जाना,
उठा हथियार सीमा पे,
तू लड़ जाना तू मर जाना।।
जान रहे ना रहे देश ज़िंदा रहे,
मौत हो सामने ना डरो,
बचाने में वतन की लाज,
तू लड़ जाना तू मर जाना,
उठा हथियार सीमा पे,
तू लड़ जाना तू मर जाना।।
– गायक लेखक एवं प्रेषक –
सुभाष चौधरी।
8382836288