अमृत रा प्याला कद भर पावोला,
श्लोक – गुरू ब्रह्म गुरू विष्णु,
गुरू देवो महेश्वर:,
गुरू साक्षात परब्रह्म,
तस्मैश्रीगुरवे नम:।
हा रे सतगुरु आवोला,
हा रे सतगुरु आवोला,
अमृत रा प्याला कद भर पावोला,
ज्ञानी गुरू आवोला,
अमृत रा प्याला कद भर पावेला,
सतगुरु आवोला।।
दर्शन सारू मारा नैन दुखी है,
कद माने दर्श दिखावोला,
ओ दाता कद माने दर्श दिखावोला,
अरे हिवडो मारो घणो अनमोल,
हिवडो मारो घणो अनमोल,
धीरज बंधावोला सतगुरु आवोला,
अमृत रा प्याला कद भर पावेला,
सतगुरु आवोला।।
मै अज्ञान नींद में सुतो,
कद माने आय जगावोला,
ओ दाता कद माने आय जगावोला,
हरियो वनरा दरखत सुखा,
हरिया वनरा दरखत सुखा,
जल बरसावोला सतगुरु आवोला,
अमृत रा प्याला कद भर पावेला,
सतगुरु आवोला।।
ए जीव आत्म बीच भेद पडियो है,
कद मारो भेद मिटावोला,
ओ दाता कद मारो भेद मिटावोला,
गोपेश्वर अंजनेश्वर शरणे,
गोपेश्वर अंजनेश्वर शरणे,
पार लगावोला सतगुरु आवोला,
अमृत रा प्याला कद भर पावेला,
सतगुरु आवोला।।
हा रे सतगुरु आवोला,
हा रे सतगुरु आवोला,
अमृत रा प्याला कद भर पावेला,
ज्ञानी गुरू आवोला,
अमृत रा प्याला कद भर पावेला,
सतगुरु आवोला।।
गायक – मोईनुद्दीन जी मनचला।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818