कान्हा मेरी लाज अनमोल है,
तेरे सिवा कौन इसे रखेगा श्याम,
तुझे तो पता ही होगा,
तुझे तो पता ही होगा,
इसका क्या मोल है,
कान्हा मेरीं लाज अनमोल है,
तेरे सिवा कौन इसे रखेगा श्याम।।
तर्ज – साथी तेरा प्यार।
लाज गई तो कुछ भी ना रह जाएगा,
ये दुखियारा जीते जी मार जाएगा,
कान्हा अंधकार घनघोर है,
तेरे सिवा कौन इसे रखेगा श्याम,
कान्हा मेरीं लाज अनमोल है,
तेरे सिवा कौन इसे रखेगा श्याम।।
एक सहारा सबको मिल ही जाता है,
पर मुझको तो वो भी नज़र नही आता है,
कान्हा मेरे हाथ कमजोर है,
तेरे सिवा कौन इसे रखेगा श्याम,
कान्हा मेरीं लाज अनमोल है,
तेरे सिवा कौन इसे रखेगा श्याम।।
इसका जौहरी और कही ना पाया हूँ,
‘बनवारी’ मैं पास तुम्हारे आया हूँ,
कान्हा तू बता क्या मोल है,
तेरे सिवा कौन इसे रखेगा श्याम,
कान्हा मेरीं लाज अनमोल है,
तेरे सिवा कौन इसे रखेगा श्याम।।
कान्हा मेरी लाज अनमोल है,
तेरे सिवा कौन इसे रखेगा श्याम,
तुझे तो पता ही होगा,
तुझे तो पता ही होगा,
इसका क्या मोल है,
कान्हा मेरीं लाज अनमोल है,
तेरे सिवा कौन इसे रखेगा श्याम।।
Singer – Govind Sharma
Lyrics – Banwari Ji