जब जब घूमे बाबा थारी मोरछड़ी,
बरसाए श्याम खुशियों की झड़ी,
जब जब घूमें बाबा थारी मोरछड़ी,
करती है भक्तों पे मेहर बड़ी,
जब जब घूमें बाबा थारी मोरछड़ी।।
तर्ज – एक परदेसी मेरा दिल।
यूँ ही नहीं इसकी ये दुनिया दीवानी,
कुछ ना तो कुछ है इसकी कहानी,
सबकी ही नज़रों में सांवरे चढ़ी,
जब जब घूमें बाबा थारी मोरछड़ी।।
हर काम भक्तों का पल में बना दे,
भक्तों के कष्टों को पल में मिटा दे,
दूर करे विपदा ये बड़ी से बड़ी,
जब जब घूमें बाबा थारी मोरछड़ी।।
मोरछड़ी तेरी श्याम सबसे निराली,
जिसपे मेहर करे उसकी दिवाली,
‘शर्मा’ की खाली झोली पल में भरी,
जब जब घूमें बाबा थारी मोरछड़ी।।
बरसाए श्याम खुशियों की झड़ी,
जब जब घूमे बाबा थारी मोरछड़ी,
करती है भक्तों पे मैहर बड़ी,
जब जब घूमें बाबा थारी मोरछड़ी।।
Singer – Prashant Suryavanshi