जग में प्रेम बड़ा बलधारी,
जो कोई जन प्रेम से पुकारे,
आ जावे गिरधारी।।
नरसी मेहता ने सतगुरु मिलिया,
माया लुटा दी सारी,
राधा-रुखमण संग में आई,
लाज राखी भक्तां री।
जग मे प्रेम बडा बलधारी,
जो कोई जन प्रेम से पुकारे,
आ जावे गिरधारी।।
प्रेम भाव से खीचड़ो बनायो,
वा बेटी जाटा री,
धाबलिया को पर्दो किदो,
भोग लगायो बनवारी।
जग मे प्रेम बडा बलधारी,
जो कोई जन प्रेम से पुकारे,
आ जावे गिरधारी।।
प्रेम बिना भक्ति लागे फीकी,
प्रेम की महिमा भारी,
प्रेम भूखा प्रभु आवे द्वार पर,
वेद संन्त पुकारि।
जग मे प्रेम बडा बलधारी,
जो कोई जन प्रेम से पुकारे,
आ जावे गिरधारी।।
लादूदास म्हाने सतगुरु मिलिया,
धरिया रूप साकारी,
कहत चम्पा लाल प्रजापति,
करज्यो भाव से पारी।
जग मे प्रेम बडा बलधारी,
जो कोई जन प्रेम से पुकारे,
आ जावे गिरधारी।।
जग में प्रेम बड़ा बलधारी,
जो कोई जन प्रेम से पुकारे,
आ जावे गिरधारी।।
गायक – चम्पा लाल प्रजापति।
मालासेरी डूँगरी 89479-15979