कृपालु बड़े हैं श्री श्याम सुन्दर,
कृपालु कृपा की बरसात कर दे,
इनके हृदय में प्रेम भरा है,
भगवन सबों से प्रेम है करते,
कृपालु बड़े है श्रीं श्याम सुन्दर,
कृपालु कृपा की बरसात कर दे।।
तर्ज – तुम्ही मेरे मंदिर।
कौन है अपना कौन बेगाना,
कौन है बैरी कौन दीवाना,
इनके लिए सब एक बराबर,
इनके लिए सब एक बराबर,
भगवन किसी से भेद ना करते,
कृपालु बड़े है श्रीं श्याम सुन्दर,
कृपालु कृपा की बरसात कर दे।।
कोई कहे गिरधर कोई मुरलीधर,
कोई कहे छलिया कोई कहे नटवर,
किसी नाम से भी इनको पुकारों,
किसी नाम से भी इनको पुकारों,
प्रेम की भाषा भगवन समझते,
कृपालु बड़े है श्रीं श्याम सुन्दर,
कृपालु कृपा की बरसात कर दे।।
राधा तो इनके दिल में समाई,
करके भक्ति सोई मीरा ने पाई,
‘नंदू’ भगत के भाव समझकर,
‘नंदू’ भगत के भाव समझकर,
भक्तों को वत्सल दूर ना रहते,
कृपालु बड़े है श्रीं श्याम सुन्दर,
कृपालु कृपा की बरसात कर दे।।
कृपालु बड़े हैं श्री श्याम सुन्दर,
कृपालु कृपा की बरसात कर दे,
इनके हृदय में प्रेम भरा है,
भगवन सबों से प्रेम है करते,
कृपालु बड़े है श्रीं श्याम सुन्दर,
कृपालु कृपा की बरसात कर दे।।
स्वर – नंदू जी शर्मा।