म्हारे दुःख में आडो आवे,
खाटू को बाबा श्याम,
म्हारी हरपल लाज बचावे,
खाटू को बाबा श्याम,
खाटू को बाबा श्याम।।
तर्ज – सावन को आने दो।
श्याम धणी के सागे,
म्हारी प्रीत पुराणी,
जद भी म्हापे आवे,
कोई भी परेशानी,
लीले को असवारी,
फरियाद सुने म्हारी,
चिंता हरे सारी,
खाटू को बाबा श्याम,
खाटू को बाबा श्याम।।
श्याम शरण में बैठ्या,
म्हे तो मौज उड़ावा,
श्याम तो है रखवालो,
फिर क्यों म्हे घबरावा,
म्हाणे संभाले है,
संकट यो टाले है,
म्हारे सागे चाले है,
खाटू को बाबा श्याम,
खाटू को बाबा श्याम।।
कोई कुछ भी करले,
म्हापे आंच ना आवे,
म्हारे सिर पर इकि,
मोरछड़ी लहरावे,
‘सोनू’ केवे म्हारी,
विपदा हरे सारी,
यो तीन बाण धारी,
खाटू को बाबा श्याम,
खाटू को बाबा श्याम।।
म्हारे दुःख में आडो आवे,
खाटू को बाबा श्याम,
म्हारी हरपल लाज बचावे,
खाटू को बाबा श्याम,
खाटू को बाबा श्याम।।
स्वर – केमिता जी राठौर।