मैं झोली पसारे माँ,
तेरे दर पे आया हूँ,
बड़ी दूर से आया हूँ,
नहीं संग कुछ लाया हूँ,
मैं झोली पसारें मां,
तेरे दर पे आया हूँ।।
तुम दूर करो विपदा,
हे भक्तन रखवाली,
दो दर्शन अब अपना,
मत देर करो माई,
नंगे पाँवों चल के,
तुझे दुखड़ा सुनाया हूँ,
मैं झोली पसारें मां,
तेरे दर पे आया हूँ।।
अब टेर सुनो मेरी,
मुझे और ना तरसाओ,
पाँवों में भरे कांटे,
कुछ तो माँ तरस खाओ,
पड़ गए मोटे छाले,
नहीं किसी को बताया हूँ,
मैं झोली पसारें मां,
तेरे दर पे आया हूँ।।
मैं झोली पसारे माँ,
तेरे दर पे आया हूँ,
बड़ी दूर से आया हूँ,
नहीं संग कुछ लाया हूँ,
मैं झोली पसारें मां,
तेरे दर पे आया हूँ।।
स्वर – पवन भाटिया जी।