गजानंद कृपा बरसा दे,
त्रिनेत्री कृपा बरसा दे,
मैं भिखारी तेरे दर्शनो का,
तू दर्शण करा दे।।
तर्ज – हम तुम्हे चाहते है ऐसे।
बिन तुम्हारी महर ऐ गजानंद,
बिन तुम्हारी महर ऐ गजानंद,
कैसे संवेरगी ये,
जिंदगानी तू ही समझा दे,
त्रिनेत्री कृपा बरसा दे,
गजानन्द कृपा बरसा दे।।
धन दौलत की किसको तमन्ना,
धन दौलत की किसको तमन्ना,
है दीवाने तेरे,
इन चरणों मे थोड़ी जगह दे,
त्रिनेत्री कृपा बरसा दे,
गजानन्द कृपा बरसा दे।।
मेरे दिल को लगन बस तुम्हारी,
मेरे दिल को लगन बस तुम्हारी,
गजा मुझको तेरी,
प्रैम गंगा में डुबकी लगा दे,
त्रिनेत्री कृपा बरसा दे,
गजानन्द कृपा बरसा दे।।
गजानंद कृपा बरसा दे,
त्रिनेत्री कृपा बरसा दे,
मैं भिखारी तेरे दर्शनो का,
तू दर्शण करा दे।।
गायक / प्रेषक – अशोक कुमार जांगिड़।
सवाई माधोपुर राजस्थान। 9828123517