जैसे जैसे दर पे तेरे,
झुकता चला गया,
वैसे वैसे मैं तो ऊंचा,
उठता चला गया,
जैसे जैसे दर पे तेरें।।
तर्ज – तेरा मेरा सांवरे ऐसा नाता।
देर से समझा तुझको मैं,
प्रभु ये भूल हुई मेरी,
सांवरे माथे पे अब तो धूल तेरी है,
जैसे जैसे भजनो में मैं,
रमता चला गया,
वैसे वैसे मैं तो ऊंचा,
उठता चला गया,
जैसे जैसे दर पे तेरें।।
मैं तो मानु मेरी चिंता,
है हरदम तू ही तो करता,
मांगने से पहले मेरी,
श्याम तू झोली है भरता,
जैसे जैसे हारे के संग,
चलता चला गया,
वैसे वैसे मैं तो ऊंचा,
उठता चला गया,
जैसे जैसे दर पे तेरें।।
जब भी कोई संकट आया,
तुझे हाजिर मैंने पाया,
‘हर्ष’ जीवन की खुशियों में,
तुझे शामिल मैंने पाया,
जैसे जैसे श्री चरणों में,
गिरता चला गया,
वैसे वैसे मैं तो ऊंचा,
उठता चला गया,
जैसे जैसे दर पे तेरें।।
जैसे जैसे दर पे तेरे,
झुकता चला गया,
वैसे वैसे मैं तो ऊंचा,
उठता चला गया,
जैसे जैसे दर पे तेरें।।
Singer – Saurabh Madhukar
Man bhavn man mohith hogya very nice
अति सुन्दर भजन हृदय को स्पर्श हो गया