छा गई है फागुण की बहार,
सज गया है मेरे बाबा का द्वार,
बड़ा रंगीला है श्याम प्यारा प्यारा,
बड़ा सजीला है श्याम प्यारा प्यारा।।
तर्ज – आने से उसके आए बहार।
मस्त बयार चली है,
होली का बिगुल बज गया है,
पहन मुकुट और माला,
खाटू का राजा सज गया है,
थोडा सा ये मुस्काए,
थोडा शर्मीला है श्याम प्यारा प्यारा,
बड़ा रंगीला है श्याम प्यारा प्यारा।।
ओ मेरे प्यारे आओ,
दुःख सारे तुम्हारे हटा दूँ,
माल खजाना अपना,
आज सारा मैं तुम पर लुटा दूँ,
रीझ गया मेरा प्यारा,
बड़ा खर्चीला है श्याम प्यारा प्यारा,
बड़ा रंगीला है श्याम प्यारा प्यारा।।
‘सुन्दर लाल’ बसंती,
रंग में सारा जगत रंग गया है,
स्वर्ग से खुबसूरत,
देखो खाटू नगर सज गया है,
भक्ति रंग में रंग देगा,
बड़ा अलबेला है श्याम प्यारा प्यारा,
बड़ा रंगीला है श्याम प्यारा प्यारा।।
छा गई है फागुण की बहार,
सज गया है मेरे बाबा का द्वार,
बड़ा रंगीला है श्याम प्यारा प्यारा,
बड़ा सजीला है श्याम प्यारा प्यारा।।
गायक – सुन्दर लाल जी त्यागी।