जिसपे कृपा की नजर,
मेरा श्याम रखता है,
तो कैसे वो इस जग में,
बताओ हार सकता है।।
तर्ज – जीता था जिसके लिए।
झुकने ना देगा कभी जग में तुझको,
तू रख मन में विश्वास ये,
तू रख मन में विश्वास ये,
इक बार ग्यारस में आकर के खाटू,
लगा देना अरदास ये,
लगा देना अरदास ये,
फिर गिरने ना देगा ये आंसू,
तेरी आँख से,
तो कैसे वो इस जग में,
बताओ हार सकता है।।
अनहोनी को होनी करके दिखाता,
करता चमत्कार ये,
करता चमत्कार ये,
बिगड़ा मुकद्दर पल में बनाता,
ऐसा है दिलदार ये,
ऐसा है दिलदार ये,
तेरे जीवन की नैया को कर देगा,
भव पार ये,
तो कैसे वो इस जग में,
बताओ हार सकता है।।
टुटा कभी ना किसी का भरोसा,
विश्वास जिसने किया,
विश्वास जिसने किया,
अहसास होने का अपने हमेशा,
‘अमित’ को है इसने दिया,
‘अमित’ को है इसने दिया,
ये बेखौफ करता है,
करके मेहरबानियाँ,
तो कैसे वो इस जग में,
बताओ हार सकता है।।
जिसपे कृपा की नजर,
मेरा श्याम रखता है,
तो कैसे वो इस जग में,
बताओ हार सकता है।।
Singer – Amit Kandhari