घनन घननन घंटा बाजे,
चामुण्डा के द्वार पर,
रूके यहाँ पर कालरात्रि,
चंडमुंड को मार कर,
रूके यहाँ पर कालरात्रि,
चंडमुंड को मार कर।।
निर्मल जल की धारा में,
पहले जाकर स्नान करो,
निर्मल जल की धारा में,
पहले जाकर स्नान करो,
ज्योति जलाकर मन मन्दिर में,
अम्बे माँ का ध्यान धरो,
ज्योति जलाकर मन मन्दिर में,
अम्बे माँ का ध्यान धरो,
वरदानी से मांगो वर तुम,
दोनों हाथ पसार कर,
वरदानी से मांगो वर तुम,
दोनो हाथ पसार कर,
रूके यहाँ पर कालरात्रि,
चंडमुंड को मार कर।।
ब्रम्हा वेद सुनाते इनको,
विष्णु शंख बजाते हैं,
ब्रह्म वेद सुनाते इनको,
विष्णु शंख बजाते हैं,
शंकर डमरू बजा बजाकर,
माँ की महिमा गाते है,
शंकर डमरू बजा बजाकर,
माँ की महिमा गाते है,
जय माता दी गूंज रहा है,
नारद वीणा तान मे,
जय माता दी गूंज रहा है,
नारद वीणा तान मे,
रूके यहाँ पर कालरात्रि,
चंडमुंड को मार कर।।
शक्तिपीठ यह हिमाचल का,
देव भूमि भी प्यारी है,
शक्तिपीठ यह हिमाचल का,
देव भूमि भी प्यारी है,
रूके रूप जहाँ चामुण्डा माँ,
खप्पर संग कठारी है,
रूके रूप जहाँ चामुण्डा माँ,
खप्पर संग कठारी है,
दुष्टों की ली बली यह पर,
भागे पापी हार कर,
दुष्टो की ली बली यह पर,
भागे पापी हारकर,
रूके यहाँ पर कालरात्रि,
चंडमुंड को मार कर।।
घनन घननन घंटा बाजे,
चामुण्डा के द्वार पर,
रूके यहाँ पर कालरात्रि,
चंडमुंड को मार कर,
रूके यहाँ पर कालरात्रि,
चंडमुंड को मार कर।।
गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818