मेरी मैया तेरे दरबार ये,
दीवाने आए है,
भक्ति में तेरी डूब के ये,
भक्ति में तेरी डूब के ये,
मस्ताने आए है,
मेरी मईया तेरे दरबार ये,
दीवाने आए है।।
सारे जग में तेरा बोल बाला,
तेरा दरबार है सबसे आला,
जो भी आए माँ दर पे सवाली,
उसकी झोली भरी तूने खाली,
माँ श्रद्धा सुमन की भेट तुम्हे,
चढ़ाने आए है,
मेरी मईया तेरे दरबार ये,
दीवाने आए है।।
तू ही करुणा का सागर भवानी,
नही तुझसा बड़ा कोई दानी,
तेरी भक्ति में शक्ति समानी,
जाए महिमा ना तेरी बखानी,
तेरे चरणों में अपना शीश,
ये माँ झुकाने आए है,
मेरी मईया तेरे दरबार ये,
दीवाने आए है।।
आओ मिल जगराता मनाए,
झूमे भक्ति में नाचे गाए,
ढोल जम के बजा मेरे ढोली,
माँ के भक्तो की निकली है टोली,
माँ तेरे नाम की लाल ध्वजा,
लहराने आए है,
मेरी मईया तेरे दरबार ये,
दीवाने आए है।।
मेरी मैया तेरे दरबार ये,
दीवाने आए है,
भक्ति में तेरी डूब के ये,
भक्ति में तेरी डूब के ये,
मस्ताने आए है,
मेरी मईया तेरे दरबार ये,
दीवाने आए है।।
स्वर – शहनाज़ अख्तर जी।