मैया रानी आयो थारे द्वार,
थारी महिमा अपरम्पार,
थे तो भगतो रे बुलाया बेगा आवो माँ,
जय जगदम्बा माँ।।
घट घट की तू जानी मैया,
थारा से ना छानी,
शिव शंकर ने नाच नचायो,
तू बणगी भील राणी,
मैया तू बण गयी भील राणी,
थे तो नटवर नाच नचायो म्हारी दुर्गे माँ,
हो जे जगदम्बा माँ।।
लंकापति की बुद्धि हरी तू,
सीता रूप बणायो,
रामचन्द्र के हाथों मैया,
तू ने युध्द करायो,
मैया तूने युध्द करायो,
थे तो रावण वध करायो म्हारी अम्बे माँ,
हो जे जगदम्बा माँ।।
कौरवो ने करी अनीति,
द्रौपदी रूप बणायो,
कृष्ण संग मिल पांचों पांडु,
ऐसो चक्र चलायो,
मैया ऐसो चक्र चलायो,
कौरव नाश करायो म्हारी दुर्गे माँ,
हो जे जगदम्बा माँ।।
ब्रह्मा विष्णु महेश हो मैया,
सब देवों ने मानी,
तू हैं मैया जग की जननी,
सुणलो म्हारी वाणी,
मैया सुण लो म्हारी वाणी,
शरणे विष्णुदास ने राखो म्हारी दुर्गे माँ,
हो जे जगदम्बा माँ।।
मैया रानी आयो थारे द्वार,
थारी महिमा अपरम्पार,
थे तो भगतो रे बुलाया बेगा आवो माँ,
जय जगदम्बा माँ।।
प्रेषक – रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052