मेरी नैया में लक्ष्मण राम,
ओ गंगा मैयाँ धीरे बहो,
गंगा मैयाँ हो गंगा मैयाँ,
मेरी नैया मे चारों धाम,
ओ गंगा मैयाँ धीरे बहो,
गंगा मैयाँ हो गंगा मैयाँ।।
उछल उछल मत मारो हिचकोले,
देख हिचकोले मेरा मनवा डोले,
मेरी नैया में चारों धाम, गंगा मैयाँ धीरे बहो,
मेरी नैया मे लक्ष्मण राम गंगा मैयाँ धीरे बहो।।
गंगा मैयाँ हो गंगा मैयाँ।।
टूटी फूटी काठ की नैया,
तूम बिन मैयाँ कौन खिवैया,
मेरी नैया है बीच मझधार, ओ गंगा मैयाँ धीरे बहो
मेरी नैया मे लक्ष्मण राम गंगा मैयाँ धीरे बहो।।
गंगा मैयाँ हो गंगा मैयाँ।।
दीन दुखी के यह रखवाले,
दुष्टो को भी यह तारने वाले,
अब आए है मेरे धाम, ओ गंगा मैयाँ धीरे बहो,
मेरी नैया में लक्ष्मण राम गंगा मैयाँ धीरे बहो।।
गंगा मैयाँ हो गंगा मैयाँ।।
मेरी नैया मे लक्ष्मण राम
ओ गंगा मैयाँ धीरे बहो
गंगा मैयाँ हो गंगा मैयाँ,
मेरी नैया में चारों धाम,
ओ गंगा मैयाँ धीरे बहो
गंगा मैयाँ हो गंगा मैयाँ।।
Bahut manbhavan bhajan
Bahut hi sundar bhajan