बीरा रे सरस्वती मात मनाऊं,
जांभोजी री महिमा गाऊ रे,
गुरु चरणों में शीश नवाऊ,
गुरु विष्णु रूप में आया,
थाने माता हंसा दे हुलराया रे,
गुरु चरणों में शीश निवाऊ।।
गुरु लोहट जी घर आया,
हंसा दे मन हर्षाया जी,
गुरु करियोड़ा कवल निभायाजी,
गुरु चरणों शीश निवाऊ।।
गुरु रोटू नगरी आया,
उमा बाई रो भात भराया,
गुरु मनड़े खुशियां छाई रे,
गुरु चरणों शीश निवाऊ।।
गुरु बाजे जी घर आया,
गुरु लोथरा मर्द बनाया जी,
गुरु पल में दुखड़ा मिटाया,
गुरु चरणों शीश निवाऊ।।
गुरु सुभाष शर्मा गावे,
कोई मदन संग गावे ओ,
मीठो म्यूजिक बाजे रे,
गुरु चरणों शीश निवाऊ।।
बीरा रे सरस्वती मात मनाऊं,
जांभोजी री महिमा गाऊ रे,
गुरु चरणों में शीश नवाऊ,
गुरु विष्णु रूप में आया,
थाने माता हंसा दे हुलराया रे,
गुरु चरणों में शीश निवाऊ।।
प्रेषक – सुभाष सारस्वा काकड़ा
9024909170