ॐ नमः शिवाय बोलो ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय बोलो ॐ नमः शिवाय,
ओ भक्ता रे,
मल्लिकार्जुन जो जाये भवसागर तर जाये,
ॐ नमः शिवाय बोलो ॐ नमः शिवाय।।
पार्वती माता यहाँ मल्लिका कहावे,
शिव अर्जुन भोले नाम धरावे,
जब से तुम कार्तिकेय रूठ गए,
पर्वत शैल छोड़ कहाँ चले गए,
ओ बंधू रे,
शिवजी उनको यहाँ पे ढूंढने आये,
ॐ नमः शिवाय बोलो ॐ नमः शिवाय।।
सारा जग तेरी शरण में आये,
ज्योतिर्लिंग को शीश नवावे,
मन की मुरादे शिव पूरी करे,
भक्त जनो की झोली भोले भरे,
ओ बंधू रे,
दर्शन से इनके सोया भाग जग जाए,
ॐ नमः शिवाय बोलो ॐ नमः शिवाय।।
तृष्णा का पानी तेरे पाँव पखारे,
कल कल क्र तेरे गुणगान गाये,
मस्तक पर तृष्णा जल गिरता रहे,
तृष्णा माँ शिव का अभिषेक करे,
ओ बंधू रे,
चंद्रावत राजा तुमको फूलो से सजाये,
ॐ नमः शिवाय बोलो ॐ नमः शिवाय।।
ॐ नमः शिवाय बोलो ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय बोलो ॐ नमः शिवाय,
ओ भक्ता रे,
मल्लिकार्जुन जो जाये भवसागर तर जाये,
ॐ नमः शिवाय बोलो ॐ नमः शिवाय।।