मुझे पल पल आवे याद,
श्री जी तेरो बरसाना,
मेरे बस में नहीं जज्बात,
है मुश्किल समझाना,
मुझे हर पल आवें याद,
श्री जी तेरो बरसाना।।
तू जब जब मुझको बुलाती,
मैं दौड़ी दौड़ी आती,
ह्रदय से अपने लगाती,
तेरे आँचल में छुप जाती,
मैं कैसे भुलाऊँ हर बात,
कृपा का नजराना,
मैं कैसे भुलाऊँ हर बात,
कृपा का नजराना,
मुझे हर पल आवें याद,
श्री जी तेरो बरसाना।।
वो मंद मंद मुस्काना,
पास मुझे बिठलाना,
वो मीठा सा बतियाना,
सुनना कुछ अपनी सुनाना,
वो करुणा भरी सौगात,
लाड़ का बरसाना,
वो करुणा भरी सौगात,
लाड़ का बरसाना,
मुझे हर पल आवें याद,
श्री जी तेरो बरसाना।।
दिल हरदम मेरा चाहे,
तेरे पास ही मैं रह जाऊँ,
बरसाना ऐसा बुला लो,
घर लौट कभी ना आऊँ,
मेरे क्षमा करो अपराध,
ना दर से ठुकराना,
मेरे क्षमा करो अपराध,
ना दर से ठुकराना,
मुझे हर पल आवें याद,
श्री जी तेरो बरसाना।।
हे अष्ट सखिन दल वारी,
मेरी राज नंदनी प्यारी,
‘गोपाली’ ‘पूनम हरिदासी’ की,
तुम हो सदा हितकारी,
पागल पर की बरसात,
ना मुझको तड़पना,
बाबा पर की बरसात,
ना मुझको तड़पना,
मुझे हर पल आवें याद,
श्री जी तेरो बरसाना।।
मुझे पल पल आवे याद,
श्री जी तेरो बरसाना,
मेरे बस में नहीं जज्बात,
है मुश्किल समझाना,
मुझे हर पल आवें याद,
श्री जी तेरो बरसाना।।
स्वर – साध्वी पूर्णिमा दीदी जी।