कृष्ण जी मत ना रोके,
म्हारे चालण दे रोजगार ने।।
मथुरा के महां जावां सां,
हम दही बेच क आवां सां,
दो पैसे रोज कमावां,
हम तारां अपणी उधार ने,
कृष्ण जी मत ना रोको,
म्हारे चालण दे रोजगार ने।।
जावण दे फेर वार होवे,
मेरा मालिक छो मेंं आवेगा,
मार साटयां खाल तार दे,
कुण ओटे उसकी मार ने,
कृष्ण जी मत ना रोको,
म्हारे चालण दे रोजगार ने।।
जावण दे फेर घाम होवे या,
दही खटाज्या महारी,
ना ले मथुरा की नारी,
या चाली जा बेकार में,
कृष्ण जी मत ना रोको,
म्हारे चालण दे रोजगार ने।।
कृष्ण बलराम की जोड़ी,
मेरी कस क भुजा मरोड़ी,
महारी मटकी भी क्यों फोड़ी,
हम पैसे देवं कुमहार ने,
कृष्ण जी मत ना रोको,
म्हारे चालण दे रोजगार ने।।
तुं मान जा कृष्ण काले,
तन्नै इसे रोप दिए चाले,
दुर हटज्या मुरली आले,
मत छेड़े पराई नार ने,
कृष्ण जी मत ना रोको,
म्हारे चालण दे रोजगार ने।।
कृष्ण जी मत ना रोके,
म्हारे चालण दे रोजगार ने।।
गायक – नरेंद्र कौशिक जी।
प्रेषक – राकेश कुमार खरक जाटान(रोहतक)
9992976579