सांवरे तुमसे विनती यही है,
इस कहर से प्रभु अब बचाओ,
काल ने घेर रखा है हमको,
इसके पंजे से हमको छुड़ाओ,
साँवरे तुमसे विनती यही है।।
तर्ज – इतनी शक्ति हमें देना दाता।
सबके मन में भरा सिर्फ डर है,
अगले पल हो क्या कुछ ना खबर है,
हर कदम पे खड़ी है मुसीबत,
छूटता जा रहा ये सबर है,
कोई रस्ता प्रभु अब ना सूझे,
रास्ता तुम ही हमको दिखाओ,
काल ने घेर रखा है हमको,
इसके पंजे से हमको छुड़ाओ,
साँवरे तुमसे विनती यही है।।
इक अजब सा ही वातावरण है,
टूटता दिख रहा सबका मन है,
कुछ समाधान तुम ही निकालो,
अब उम्मीदों की तू ही किरण है,
किस तरह हम बचेंगे दयालु,
कोई युक्ति हमें तुम बताओ,
काल ने घेर रखा है हमको,
इसके पंजे से हमको छुड़ाओ,
साँवरे तुमसे विनती यही है।।
सारी दुनिया फसी कश्मकश में,
कुछ नहीं है किसी के भी बस में,
नाम जपते हैं इक बस तुम्हारा,
शक्ति मिलती तेरे नाम रस में,
भूल बैठे सभी मुस्कुराना,
रोते चेहरों को ‘माधव’ हँसाओ,
काल ने घेर रखा है हमको,
इसके पंजे से हमको छुड़ाओ,
साँवरे तुमसे विनती यही है।।
सांवरे तुमसे विनती यही है,
इस कहर से प्रभु अब बचाओ,
काल ने घेर रखा है हमको,
इसके पंजे से हमको छुड़ाओ,
साँवरे तुमसे विनती यही है।।
Singer – Nilesh Sharma