एक तू सच्ची सरकार,
मेरी राधा रानी,
मैं आया तेरे द्वार,
बरसानें वारी,
ईक तू सच्ची सरकार,
मेरी राधा रानी।।
करूणा मई श्री राधे,
किरपा मई तू,
तेरे बिना है आधे,
श्याम बिहारी जू,
मोहन की प्राण आधार,
बरसानें वारी ईक तू,
ईक तू सच्ची सरकार,
मेरी राधा रानी।।
सुख हो या दुख हो,
सच्ची तू ही साथी है,
किरपा तेरी से,
बिगड़ी बन जाती है,
तू देती माँ सा प्यार,
बरसानें वारी ईक तू,
ईक तू सच्ची सरकार,
मेरी राधा रानी।।
किरपा करो श्री राधे,
बरसानें आऊँ,
युगल चरण के मैं,
दर्शंन पाऊँ,
कहे साक्षी बारम्बांर,
बरसानें वारी,
ये है पागल की पुकार,
बरसानें वारी ईक तू,
ईक तू सच्ची सरकार,
मेरी राधा रानी।।
एक तू सच्ची सरकार,
मेरी राधा रानी,
मैं आया तेरे द्वार,
बरसानें वारी,
ईक तू सच्ची सरकार,
मेरी राधा रानी।।
लेखक – साक्षी महदींरत्ता।
स्वर – धसका पागल।
फोन – 07206526000