नौकर लगाले दरबार में,
खोया रहुँगा तेरे प्यार में।।
तर्ज – साजन मेरा उस पार है।
लिया मन्नै फकीरी बाणा र,
भक्ति में जीवन बिताणा र,
अजमाले बाबा दरबार में,
खोया रहुँगा तेरे प्यार में,
नौकर लगालें दरबार में,
खोया रहुँगा तेरे प्यार में।।
सच्ची लगन तेरे नाम की,
मन मेंं स फोटु तेरे धाम की,
मन्नै बिठाले दरबार में,
खोया रहुँगा तेरे प्यार में,
नौकर लगालें दरबार में,
खोया रहुँगा तेरे प्यार में।।
रोज मैं भवन बुहारुंगा,
सेवा में पल पल गुजारुंगा,
थारा सजाऊं सिंगार मैं,
खोया रहुँगा तेरे प्यार में,
नौकर लगालें दरबार में,
खोया रहुँगा तेरे प्यार में।।
डोले मे भक्त आजाद स,
तेरी दया त वो आबाद स,
खोया मुकेश प्रचार में,
खोया रहुँगा तेरे प्यार में,
नौकर लगालें दरबार में,
खोया रहुँगा तेरे प्यार में।।
नौकर लगाले दरबार में,
खोया रहुँगा तेरे प्यार में।।
गायक – मुकेश जी।
प्रेषक – राकेश कुमार जी।
खरक जाटान(रोहतक)
9992976579