गोविंद रा गुण गाय बंदा रे,
दोहा – लागी लागी सब कहे,
लागि नही लिगार,
लागी हरि रे नाम री,
हुई कलेजे पार।
गोविंद रा गुण गाय बंदा रे,
मालिक रा गुण गाय,
उमरिया जावेला जी जावे छे।।
गरबवास में कोल किया था,
बाहर आया रे जद,
नाम ना लिया था,
भूल गयो भगवान,
उमरिया जावेला जी जावे छे।।
बालपनो हंस खेल गमायो,
जोवन में तिरिया बिलमायो,
याद कियो ना राम,
उमरिया जावेला जी जावे छे।।
अब तो बूढापो आसी भारी,
ताना देवे थारे घर री नारी,
हाची करि भगवान,
उमरिया जावेला जी जावे छे।।
रामानंद गुरु दे रिया हेला,
सुन ले दास कबीर रा चेला,
करले सुकरात काम,
उमरिया जावेला जी जावे छे।।
गोविद रा गुण गाय बँदा रे,
मालिक रा गुण गाय,
उमरिया जावेला जी जावे छे।।
गायक / प्रेषक – श्याम निवास जी।
9024989481