जब से लिया सहारा,
तेरा ओ मुरली वाले,
सुख फीका फीका लगता,
तबसे ओ मुरली वाले,
जब से लिंया सहारा,
तेरा ओ मुरली वाले।।
तर्ज – तुझे भूलना तो चाहा।
दाता दयालु तुमसा,
मिलता है अब कहाँ पे,
खुशियों से भरता झोली,
बिन मांगे ही यहाँ पे,
करता है तू करिश्मा,
दुनिया से भी निराले,
जब से लिंया सहारा,
तेरा ओ मुरली वाले।।
लागी लगन है ऐसी,
हर पल जो तड़पाये,
दीदार बिन हमारे,
दिल को ना चैन आये,
ये रोग है पुराना,
इस से हमें बचाले,
जब से लिंया सहारा,
तेरा ओ मुरली वाले।।
हर चीज़ में मुझे दी,
बड़ी बरकतें ओ कान्हा,
दे दी जमाने भर की,
खुशियां मुझे ओ कान्हा,
तेरे प्यार का हूँ भूखा,
सुनले ओ मुरली वाले,
जब से लिंया सहारा,
तेरा ओ मुरली वाले।।
जब से लिया सहारा,
तेरा ओ मुरली वाले,
सुख फीका फीका लगता,
तबसे ओ मुरली वाले,
जब से लिंया सहारा,
तेरा ओ मुरली वाले।।
– गायक / लेखक / प्रेषक –
मुकेश कुमार जी।
9660159589