हाल बेनडी रो तू,
कदी पूछ लिजे,
बीरा म्हारे राखडली रो,
मान राख लिजे,
के बिन थारा कुण म्हारा,
आप ही सहारा,
बहन सुगना हेलो मारे,
हेलो सुन बीरा म्हारा।।
सासरे में कैया हूँ मैं,
काई थाने भाल,
जीवु बीरा जब तक,
निकले न जान,
के मांगू मै मिलन थारो,
टूटे जद तारा,
बहन सुगना हेलों मारे,
हेलो सुन बीरा म्हारा।।
टूट रया मापर केडा,
दुख रा पहाड़ रे,
रोवु मै तो दिन रात,
घुंघटे री आड मे,
किने नही दिखे म्हारा,
आंसूडा री धारा,
बहन सुगना हेलों मारे,
हेलो सुन बीरा म्हारा।।
आसी कदे लेेवा म्हाने,
है उडिक थारी,
‘प्रेम’ री अरज सुनो,
धोली ध्वजा धारी,
कि मजधार ऐसी आवे,
छूटया सब किनारा,
बहन सुगना हेलों मारे,
हेलो सुन बीरा म्हारा।।
हाल बेनडी रो तू,
कदी पूछ लिजे,
बीरा म्हारे राखडली रो,
मान राख लिजे,
के बिन थारा कुण म्हारा,
आप ही सहारा,
बहन सुगना हेलो मारे,
हेलो सुन बीरा म्हारा।।
प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818