मेरे भोले के दरबार में सबका खाता है,
जितना तेरे भाग्य में लिखा उतना ही पाता है,
मेरे भोले के दरबार में सबका खाता है,
शिव लहरी के दरबार में सबका खाता है।।
चाहे अमीर हो चाहे गरीब हो,
उनको एक समान,
सबकी बिगड़ी वो ही बनाये,
सबकी बिगड़ी वो ही बनाये,
वो सबके भगवान,
मेरे भोले के दरबार में सबका खाता है।।
धर्म किये जा धन की चिंता,
मत करना इंसान,
जैसा तेरा कर्म है भाई.
वैसा फल देगा भगवान,
मेरे भोले के दरबार में सबका खाता है।।
देख समझले मानव,
तू है दो दिन का मेहमान,
कितने आकर चले गए,
कितने जाने को तैयार,
मेरे भोले के दरबार में सबका खाता है।।
भगवे में भगवान छुपा है,
मानव तू पहचान,
नकली रंग से कपड़े रंगावे,
साधु नही शैतान,
मेरे भोले के दरबार में सबका खाता है।।
‘गिरी’ कहे तू गिरके सम्भल जा,
ये जग है नादान,
तेरा बनाया तुझको बनाये,
मानव नही हैवान,
मेरे भोले के दरबार में सबका खाता है।।
जितना तेरे भाग्य में लिखा उतना ही पाता है,
मेरे भोले के दरबार में सबका खाता है,
शिव लहरी के दरबार में सबका खाता है।।