लिलो लिलो घोड़लियो,
मनड़ो मोय लियो सा।
दोहा – रामा काहू के रामदेव,
हीरा काहू के लाल,
जाने मिलिया रामदेव,
वाने किना निहाल।
हरजी भगत है आगला,
आज काल का नाय,
जिण दिन धणी लंका चढ़िया,
हरिनंद दल रे माय।
हरजी ने हर मिलिया,
आड़े मारग आय,
पूजण ने दियो घोड़लो,
दूध पीवण ने गाय।
लिलो लिलो घोड़लियो,
मनड़ो मोय लियो सा,
मैं पैदल पैदल आवा,
शरणा में शीश नवावा,
मारो बाबा दुखड़ा मेटसी रे।।
पिता अजमल जी ने,
परचो पावियो रे,
बाबो उफनतोड़ो दूध,
ठरावियो रे,
पिता मन हरसावे,
बँजिया री मेनी भंगावे,
मारो बाबा दुखड़ा मेटसी रे।।
माता मैणादे ने परचो,
पावियो रे,
बाबो उफनतोड़ो दूध,
ठरावियो रे,
मैणादे हरसावे,
माँ पालनिये पोढावे,
मारो बाबा दुखड़ा मेटसी रे।।
लखि बिनजारा ने परचो,
पावियो रे,
बाबो मिश्री रो लूण,
बनावियो रे,
लखि बिनजारो घबरावे,
शरणा में शीश नवावे,
मारो बाबा दुखड़ा मेटसी रे।।
बाई सुगणा ने परचो,
पावियो रे,
बाबो मरियोडो भाणु,
निवावियो रे,
बाई सुगणा मन हरसावे,
बाबो दोड़यो दोड़यो आवे,
मारो बाबा दुखड़ा मेटसी रे।।
हरि रे शरणा में भाटी,
बोलिया रे,
बाबो दुखड़ा में हाजर,
होविया रे,
मने हरदम शरणा में राखो,
भगता रे बेली आवो,
मारो बाबा दुखड़ा मेटसी रे।।
लिलो लिलो घोडलियो,
मनड़ो मोय लियो सा,
मैं पैदल पैदल आवा,
शरणा में शीश नवावा,
मारो बाबा दुखड़ा मेटसी रे।।
गायक / प्रेषक – श्यामनिवास जी।
919024989481