सब मिलकर बोलो राम राम,
बसते है रघुकुल धाम धाम,
अपनों के बनाते काम काम,
उजले मन से गर ध्यान करे,
श्रीराम करे तेरे काम काम,
सब मिलकर बोलों राम राम।।
तर्ज – तू चीज बड़ी है।
राम भजन में सारे सुख बसते,
राम भजो रे यह जीवन रहते,
क्यू करता है फिर देर देर,
तू छोड़ कपट और हेर फेर,
सदा राम की माला टेर टेर,
तेरी कौड़ी लगे ना दाम दाम,
सब मिलकर बोलों राम राम।।
हर घट घट में प्रभु राम समाया,
राम की माया कोई समझ न पाया,
समझो ग्रंथों की बात बात,
सुमिरो इनको दिन रात रात,
सदा सिर पे रहेगा हाथ हाथ,
इन्हें भजलो आठों याम याम,
सब मिलकर बोलों राम राम।।
दुनिया से तू करके किनारा,
बन जा बंदे श्रीराम का प्यारा,
मन के कपाट तू खोल खोल,
जयकारा दिल से बोल बोल,
श्रीराम का अमृत घोलघोल,
हो जा पीकर बदनाम नाम,
सब मिलकर बोलों राम राम।।
सब मिलकर बोलो राम राम,
बसते है रघुकुल धाम धाम,
अपनों के बनाते काम काम,
उजले मन से गर ध्यान करे,
श्रीराम करे तेरे काम काम,
सब मिलकर बोलों राम राम।।
गायक – मुकेश कुमार जी।
संगीत – मयूर पाण्डेय जी।