थारी मोह माया ने,
छोड रामजी ने भज रे,
थारी उमर बीती जाय रे,
क्रोध ने तज रे।।
थारा सिर में आया धोला बाल,
धोला की लज रे,
थारा माथा पे बोल रियो काल,
भरम ने तज रे।।
थारा गोडा दिया जवाब,
कमर गई लुल रे,
थारी आँख्या सु दिख नाही,
काम गया रूक रे।।
थारी तिरिया बोले बोल,
कदर नही कर रे,
थारा बेटा बोल बोल,
मरो मरोल कद र।।
कह गया दास कबीर,
हरि ने भज ले,
थारो लेखो लेसी राम,
मरोल जद र।।
थारी मोह माया ने,
छोड रामजी ने भज रे,
थारी उमर बीती जाय रे,
क्रोध ने तज रे।।
गायक – रामेश्वर देवल।
प्रेषक – धरम चन्द नामा।
(नामा म्युजिक) सांगानेर
9887223297