मुश्किल है सहन करना,
ये दर्द जुदाई का,
मुझे कुछ तो बता प्यारे,
कारण रुसवाई का,
मुश्किल हैं सहन करना,
ये दर्द जुदाई का।।
झूठे तेरे वादो पे एतबार किया हमने,
तेरी कृपा को सुन कर ही,
अरे प्यार किया हमने,
कन्हैया,
कृपा की ना होती जो आदत तुम्हारी,
तो सुनी ही रहती अदालत तुम्हारी,
ना हम होते मुलज़िम,
ना तुम होते हाकिम,
ना घर घर में होती इबादत तुम्हारी,
ग़रीबो की दुनिया है आबाद तुमसे,
ग़रीबो से है बादशाहत तुम्हारी,
तुम्हारी उलफत के यह दृगबिन्दु है ये,
तुम्हे सौपते अमानत तुम्हारी।
झूठे तेरे वादो पे एतबार किया हमने,
तेरी कृपा को सुन कर ही,
अरे प्यार किया हमने,
तुझे प्यार किया हमने,
क्या यही सिला मिलता,
इस प्रीत लगाई का,
मुझे कुछ तो बता प्यारे,
कारण रुसवाई का,
मुश्किल हैं सहन करना,
ये दर्द जुदाई का।।
गर नज़र में अवगुण थे,
तो क्यों अपनाया था,
ये प्रीत ना निभ सकती,
पहले ना बताया था,
ऐ कन्हैया,
सब कुछ ले के परीक्षा है लेते,
अब कौन सी राह चले संसारी,
अरे ऐसा मोहक जाल बिछाये,
भैया थककर रह गई बुद्धि बिचारी,
अरे ऐसा मोहक जाल बिछाये,
भैया थक कर रह गई बुद्धि बिचारी,
सोच समझ कर सौदा किजे,
ये नंद का लाल बड़ा व्यापारी।
गर नज़र में अवगुण थे,
तो क्यों अपनाया था,
ये प्रीत ना निभ सकती,
पहले ना बताया था,
पहले ना बताया था,
मौका तो दिया होता,
मेरे मीत सफाई का,
मुझे कुछ तो बता प्यारे,
कारण रुसवाई का,
मुश्किल हैं सहन करना,
ये दर्द जुदाई का।।
तुम सा कोई मिल जाता,
तो ढूंढ लिए होते,
क्यों प्यार तुम्हे करते,
क्यों तेरे लिए रोते,
तजते घर बार व्यथा हम क्यों,
गर मोहन तेरा इशारा ना होता,
रहते हम भी भवसागर में ही,
गर पहले किसी को उबारा ना होता,
इस प्रेम के पंथ में हे प्रभु,
सर देकर भी छुटकारा ना होता,
हम रोते ही क्यों बिलखा करके,
गर तू मन प्राण हमारा ना होता,
तुझसे में क्या कहू,
तेरे सामने मेरा हाल है,
तेरी एक नजर की बात है,
मेरा जिंदगी का सवाल है।
तुम सा कोई मिल जाता,
तो ढूंढ लिए होते,
क्यों प्यार तुम्हे करते,
क्यों तेरे लिए रोते,
क्यों तेरे लिए रोते,
मुख मोड़ के क्यों बैठे,
क्या मान खुदाई का,
मुझे कुछ तो बता प्यारे,
कारण रुसवाई का,
मुश्किल हैं सहन करना,
ये दर्द जुदाई का।।
मुश्किल है सहन करना,
ये दर्द जुदाई का,
मुझे कुछ तो बता प्यारे,
कारण रुसवाई का,
मुश्किल है सहन करना,
ये दर्द जुदाई का।।
बहुत ही प्यारा इसने तो मेरे रोम रोम को खडा कर दिया।।।
तुम ना होते तो कहानी ना बनती,
राधा ना होती तो जिन्दगानी ना बनती,
हम तो तडप तडप के मर गये तेरी भक्ती मे,
हमको भी तुमने थोडासा प्यार किया होता।।।।
।।writer,Fb page.. ,Love dosti or duaa, .Bhagirath Kumawat…..
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इस प्रतिक्रिया के लिए आपका धन्यवाद।
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Maa….. M apke bare m kya likhu… Apke Sare bhjn hi emotional bhre Hai
Mein aapko thanks bolna chahta Hun kyunki mein aapke bajhno se hi apni prectice krta tha aur mein aapke iss bhajan ke karan hi aaj mathura mein ekk competition jita Hun so iska saara creadet aapko hi jata hai thank you so much ….
Kya bat h Poonam Didi ki bahut hi Sundar bhajan bolate Hain jitne bhi bhajan unhone bole Hain inke aksharam khud Ke Macy nagli Sahib se hun jila Meerut